Saat Suro Ke Saat Hai Zhule, Jo Jhule Wo Sub Dukha Bhule, Tu Ched Sakhi Sargam
यही बहार है दुनीया को भुल जाने की खुशी मनानेकी| ये प्यारे प्यारे नजारे, ये ठंडी ठंडी हवा, ये हल्का हल्का नशा, ये कोयलोंकी सदा, निकलके आ गयी रुत मस्तीयां लुटानेकी खुषी मनानेकी||
Saturday, February 3, 2007
Friday, February 2, 2007
Thursday, February 1, 2007
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